Palmer of my hands, Resembles the ocean... Palmer of my hands, Resembles the ocean...
इसीलिए यह रचना समझने के लिए , स्वयं से प्रश्न की पुकार कर सत्य की पहचान करो। इसीलिए यह रचना समझने के लिए , स्वयं से प्रश्न की पुकार कर सत्य की पहचान करो।
जब पथ मंजिल को बिसरा दे, तब भी तुमको चलना होगा, मोती सागर से चुनना होगा...! जब पथ मंजिल को बिसरा दे, तब भी तुमको चलना होगा, मोती सागर से चुनना होगा...!
सूचित किया -- " स्थानाभाव के कारण, आपकी रचना का सदुपयोग नहीं कर पा रहे हैं , इसीलिए , ... सूचित किया -- " स्थानाभाव के कारण, आपकी रचना का सदुपयोग नहीं कर पा रहे...
उसकी चाहत से उसकी जरूरत मै बन गई. उसकी चाहत से उसकी जरूरत मै बन गई.
गुरु का कार्य भी सफल हो जाए, यदि सही शिष्य मिल जाए। गुरु का कार्य भी सफल हो जाए, यदि सही शिष्य मिल जाए।